रेल हादसे में 5 मृत, गांव में छाया मातम
जिले में 5 की मौत,1चिल्हारी,4ममान गांव के थे श्रमिक,
प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री,सहित तमाम लोगो ने जताया दुख
उमरिया (ममान)।।
औरंगाबाद हादसे में जान गंवाने वाले उमरिया जिले के ममान गांव में मातम के बीच परिजनों का रो रोकर बुरा हाल,जवान बेटो को खोने वाले मातापिता का दर्द हो चाहे मांग उजड़ने की पीड़ा सबकुछ असहनीय फिर चाहे उन मासूमो का बिलखना हो जिन्हें अभी भी अपने पिता का इंतजार है,
कमोवेश यही हाल हादसे के शिकार हुए 18 वर्षीय प्रदीप के घर का है जिसकी माँ सुनीता ने अपने बेटे से रात मे बात की ओर सुबह खबर मिली कि उसका बेटा नही रहा,ऐसे में माँ को कैसे ढाढस बंधाये कि यह होनी है जिसे रोकना किसी के बस में नही तभी तो गांव के ही एक साथ रहकर भी वीरेन्द्र ओर बिरगेन्द्र नामक दो सगे भाइयों में से बिरगेन्द्र हादसे का शिकार हो गया जबकि वीरेन्द्र के खरोंच तक नही आई ।
एक साथ चार आदिवासी परिवार पर आई इस विपत्ति को कोई झुठलाया तो नही सकता,यही वजह है पुलिस हो चाहे प्रशासन के लोग या फिर जनप्रतिनिधि सब मौत के मातम के बीच गांव पँहुच गये है और पीड़ित परिजनों को सांत्वना देने में जुटे है,जिला पंचायत की अध्यक्ष ज्ञानवती सिंह ने सरकार से पीड़ितों की हरमुमकिन मदद की मांग भी की है,और प्रशासन हर संभव का भरोसा दे रहा है ।
बहरहाल हादसे के शिकार युवा मजदूरों के शवों का इंतजार है जिनके शव कल दोपहर तक गांव पँहुचने की उम्मीद है जिसके बाद गांव में छाये मातम में आंसुओ का सैलाव उमड़ पड़ेगा और हर उस मौजूद शख्स को नम आंखों से उन युवा मजदूरों को श्रंद्धाजलि देनी होगी जो अनहोनी के शिकार हो गये ।