प्रशासन की माफियाओ के खिलाफ कार्यवाही खोखली, तिरुपति बिल्डकॉन को खुली छूट
उमरिया।।
जिले में खदान के नाम पर मौत की खाई और धमाकों से ग्रामीणों को दहलाने वाले सफेदपोश माफिया सूची से बाहर,दो युवाओं की मौत से भी नही जागा प्रशासन,नियमो को ताक पर रखकर खनन कर रहे कारोबारियों को खुली छूट देने से कठघरे मे माफिया के खिलाफ जारी अभियान ।
दो युवाओं का जीवन छीनने के बाद भी संभाग के सबसे बड़े उद्योगपति तिरुपति बिल्डकॉन के मालिक पदम सिंघानिया की ये पत्थर खदान बंद कराने की बजाय मौत की दो नई खाईया खोदने की छूट से सरकारी इरादों पर खोट नजर आता है,इलाके में चल रहे बेख़ौफ़ खनन से ग्रामीणों में दहशत है तो माफिया के खिलाफ अभियान चला रहे जिम्मेदारो की आंखे बंद है नजारा आपके सामने है कि किस तरीके से जिले की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी बेख़ौफ़ होकर न सिर्फ मौत की खाई तैयार कर रहे है बल्कि खुलेआम ब्लास्टिंग की तैयारी कई सवाल खड़े करती है ।
हम आपको बता दे कि तहसील मुख्यालय चंदिया से चंद कदम दूर बांका गांव में तिरुपति बिल्ड कॉन कम्पनी पिछले कई साल से खनन का कारोबार करती आ रही है लेकिन पिछले साल सुर्खियों में तब आई थी जब उसकी खाई बन गई पत्थर खदान में भरे पानी मे डूबने से दो युवकों की जलसमाधि हो गई और NDRF के गोताखोर दो दिन की मशक्कत कर शव बरामद किये थे,ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन खदानों को पाटने व सुरक्षित करने के आदेश दिए लेकिन हुआ कुछ नही एक बार फिर माफिया के खिलाफ सरकार ने जंग छेड़ी है लेकिन अफसर नोटिस देकर सफेदपोशो को बचाने में जुटे है ।
बहरहाल सरकार की मंशा के मुताबिक जिले में माफिया के खिलाफ जंग का एलान तो कर दिया गया है लेकिन असली माफियाओं की अनदेखी प्रशासन की नीयत को शक के दायरे में खड़ा करती है ।